इंदौर के इस लड़के की कहानी बड़ी ही रोचक है , दरअसल अनुभव दुबे एक मिडल क्लास परिवार से ही आते है ओर हर माँ बाप की तरह उनके माँ बाप का भी सपना था है की उनका बच्चा पढ़ लिख कर एक बड़ा आदमी बने , एक अच्छी नौकरी करे इस ही लिए अनुभव दुबे के पिता ने उन्हे अच्छी शिक्षा के लिए इंदौर शहर भेजा ।
यहा वो UPSC की तय्यारी कर रहे थे पर उन्हे शुरू से ही बिजनेस को ले कर लगाव था , इसलिए वह कही सारे ऐसे काम भी करते थे जिससे उनका महीने का हाथ खर्च निकल जाए । अनुभव सेकंड हैन्ड मोबाईल को खरीदते थे ओर कुछ दिन खुद ओर अपने दोस्तों को इस्तेमाल करने को देते ओर फिर अच्छे मुनाफे पर बेच भी देते थे ।
इंदौर मे उनका एक दोस्त भी था जिनका नाम था आनंद नायक जिस के साथ मिलकर उन्होंने कुछ बिजनेस करने का सोचा ओर बहुत रिसर्च करने के बाद उन्होंने चाय का बिजनेस करने का निर्णय लिया क्यू की पूरी दुनिया मे पानी के बाद पानी के बाद सबसे ज्यादा पी जाने वाली चीज चाय ही है ओर उन्हे चाय को एक अलग पहचान दिलानी थी
चाय सुट्टा बार नाम की कहानी
दोनों दोस्तों ने चाय का बिजनेस खोलने का तो सोच लिया पर उन्हे अपनी दुकान का नाम ऐसा रखना था की लोग उनकी दुकान की ओर खिचे चले आए इसलिए उन्होंने अपनी दुकान का नाम चाय सुट्टा बार रखने का सोच पर असल मे ना यहा सुट्टा मिलता है ओर ना ही यह कोई बार है ।
कैसे की अपनी दुकान की मार्केटिंग
- अनुभव ने अपनी दुकान गर्ल्स हॉस्टल के पास मे खोली ताकि लड़कियों को देख कर लड़के अपने आप ही या जाएंगे ।
- इस के अलावा जब चाय सुट्टा बार की ओपनिंग की गई तब अनुभव ने पहले दिन सभी ग्राहकों को फ्री चाय पिलाई जिस वजह से राह चलते लोगों को लगा की उन्हे भी एक बार यह चाय टैस्ट करनी चाहिए ओर यहा से उन्हे अपने शुरुआती ग्राहक मिल गए ।
- वे अपने दोस्तों के साथ जब कभी भी बाहर जाते तब लोगों के सामने वे अपनी दुकान की बाते करते जिससे लोगों के दिमाग मे एक बार चाय सुट्टा बार की चाय टैस्ट करने का विचार तो आ ही जाता था ।